Tuesday, October 29, 2013

राजेंद्र यादव और आशीर्वाद


राजेंद्र यादव और आशीर्वाद

प्रेमचंद सहजवाला

‘अंजना: एक विचार मंच’ के 21 सितंबर 2013 के कार्यक्रम में संजीव को ‘अंजना सहजवाला साहित्य सम्मान’ दिया जाना था. उस से कुछ ही सप्ताह पूर्व ‘हंस’ कार्यालय में राजेंद्र जी से मिलने गया था.

बातों बातों में :

राजेंद्र यादव – बड़े उत्साही हो तुम.

मैं – बस सा’ब आपका आशीर्वाद है

राजेंद्र जी : भाई आप ये आशीर्वाद आशीर्वाद मत कहा करो. मैं आशीर्वाद नहीं दे सकता.

– मैं तो आपका शागिर्द हूँ. आपका आशीर्वाद तो ले कर ही जाता हूँ. मैं तो राजेंद्र जी सबका आशीर्वाद लेता हूँ, महिलाओं का ख़ासकर.

राजेंद्र जी (मुस्करा कर) महिलाओं से लेते रहो. फिर वे हल्का सा हंस दिए.

कुछ देर बाद

राजेंद्र जी : अच्छा, 28 को हम किरण सिंह को ‘हंस’ पुरस्कार दे रहे हैं. उसमें आप आना. और उसके बाद मेरे जन्मदिन कार्यक्रम में भी आना.

मैं प्रसन्न प्रसन्न सा उठ कर कहता हूँ – अच्छा राजेंद्र जी चलता हूँ. उन्हें प्रणाम करने को सर झुकाता हूँ तो स्वयमेव ज़बान पर आता है – आशीर्वाद करें.

वे अपना ध्यान कहीं और लगा देते हैं.

उनके जाने के दुखद समाचार से महज़ चार दिन पहले मैं फिर ‘हंस’ के कार्यालय में हूँ, राजेंद्र जी के सामने. दो शोध विद्यार्थी आए थे, उनसे स्त्री विमर्श पर उपन्यासों के नाम जानने. संगम पांडे भी हैं. खूब बातें होती हैं.

 काफी देर बाद उठ खड़ा होता हूँ. कहता हूँ – अब चलता हूँ राजेंद्र जी. आप जितना आशीर्वाद मांगने से मना करते हैं, मैं भी उतना ही आदतन कहता हूँ, आशीर्वाद करें. 

राजेंद्र जी (मुस्करा कर) – महिलाओं से जा कर लो.

मैं फिर कहता हूँ – बस आप कहते रहें. मैं मन ही मन आशीर्वाद ले कर ही जाता हूँ.

बाहर गली में जाते जाते सोचा एक मज़ेदार बात तो राजेंद्र जी से कही ही नहीं. कि जैनेन्द्र की मशहूर ‘नीलम देश की राजकुमारी’ की तर्ज़ पर मैं भी सोचता हूँ – आप आशीर्वाद नहीं दे कर भी दे रहे हैं. जैसे राजकुमारी सोचती है – तू नहीं हो कर भी है. तू नहीं आ कर भी आ रहा है...' आज इन ग़मगीन क्षणों में सोच रहा हूँ – राजेंद्र यादव हैं. वे नहीं हो कर भी हैं. वे आशीर्वाद नहीं दे कर भी दे रहे हैं...

2 comments:

दिगम्बर नासवा said...

साहित्य के इस अनछुए पहलू और राजेन्द्र जी और आप की सहज आत्मीयता पढ़ के बहुत ही अच्छा लगा ... आपने मेरी गज़ल को पढ़ा और सराहा ये मेरे लिए सौभाग्य की बात है ...

Prem Chand Sahajwala said...

Aabhar mitr.